HI/670605 - कृष्ण देवी और अन्य भक्तों को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क

Revision as of 07:59, 6 May 2021 by Dhriti (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
लड़कों और लड़कियों को पत्र


अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ दूसरा एवेन्यू, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८

आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल इयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
स्टैनले मॉस्कोविट्ज़
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन

जून ५, १९६७



मेरे प्रिय,
कृष्ण दासी
सुबल दास
लीलावती दासी
यमुना दासी
जयानंद दास
उपेंद्र दास
मालती दासी
गुरुदास दास
श्यामसुंदर दास
हरिदास
मुकुंद दास
जानकी
आंट एडना होवेल्ल,

मेरे प्रिय लड़कों और लड़कियों, मेरे प्राण बचाने हेतु, कृष्ण से आपकी प्रार्थनाओं के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आपकी ईमानदारी और दृढ़ प्रार्थना के कारण, कृष्ण ने मेरे प्राणों को बचाया है। मुझे मंगलवार को निश्चित रूप से मरना था लेकिन मैं आपके ईमानदार प्रार्थनाओं के कारण बच गया हूं। अब मैं धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य में सुधार कर रहा हूं और मूल स्थिति में आ रहा हूं। अब मैं आपसे फिर से मिलने और आपके साथ जप करने की उम्मीद कर सकता हूं, हरे कृष्ण। आपके प्रगति का विवरण पाकर मैं बहुत खुश हूं और मुझे उम्मीद है कि आपको कृष्ण चेतना को समझने में कोई कठिनाई नहीं होगी। मेरा आशीर्वाद सदैव आपके साथ है और आत्मविश्वास के साथ आप अपने जप को जारी रखें हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।

एक बार फिर से धन्यवाद,

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी