HI/670606 - मुकुंद को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
६/६/६७
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय मुकुंद,
आपने जो रिकॉर्ड श्री राम, जय राम, जय जय राम, और अन्य कीर्तन गायन को भेजा है वह वास्तव में एक नया मोड़ है और हमने इस रिकॉर्ड का अच्छी तरह से आनंद लिया है। यह नारद मुनि गीत आपके देश धुन में है और मुझे लगता है कि यह कीर्तन में शामिल होने के लिए कई और आम लोगों को आकर्षित करेगा ताकि आप इस मानक कीर्तन का और अधिक आसानी से अभ्यास कर सकें ताकि आपके रथयात्रा उत्सव के दौरान आप इस गायन को जुलूस के साथ ले जा सकें।
कृपया सभी भक्तों, लड़कों और लड़कियों, खासकर जानकी देवी को सूचित करें कि मैं अच्छी प्रगति कर रहा हूं। जैसे ही मुझे यात्रा के लिए थोड़ी ताकत मिलेगी मैं सैन फ्रांसिस्को आ जाऊंगा। इस दौरान मुझे यह जानकर बहुत खुशी होगी कि रथयात्रा उत्सव के लिए आप क्या व्यवस्था करने जा रहे हैं। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में एक भव्य जुलूस और अनूठा परिचय बनाएं।
कृपया उपेंद्र को सूचित करें कि मैंने उनके सेवा व्यवहार के पत्र की बहुत सराहना की है। यह सेवा रवैया कृष्णा चेतना में रहस्योद्घाटन की एक बड़ी संपत्ति है।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
अनुलेख जयानंद को सूचित करें कि मुझे उनका पत्र मिला है और जीवन की कठिनाइयाँ मौसमी बदलाव के रूप में आ सकती हैं लेकिन हमें इन सभी कठिनाइयों से परेशान नहीं होना चाहिए। हमारी प्रक्रिया का जप करना है और उस प्रक्रिया से धीरे-धीरे सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। बाधित होने की कोई बात नहीं है--आपको उत्साह के साथ अपने काम पर जाना चाहिए और सब कुछ हल हो जाएगा। हम कृष्ण चेतना की ध्वनि पर आधारित हैं।
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1967-06 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू यॉर्क से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू यॉर्क
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - मुकुंद को
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित
- HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित
- HI/सभी हिंदी पृष्ठ