HI/670701 - नारायण महाराज को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क

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His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda



जुलाई ०१, १९६७

२६ दूसरा एवेन्यू
फ़्लैट BIR
न्यू यॉर्क १०००३ यूएसए

श्रीपद नारायण महाराज,

धीरे-धीरे मैं ठीक हो रहा हूं। आज मेरा सबसे अच्छा दिन है, यही वजह है कि मैं आपको अपने हाथ से एक पत्र लिख रहा हूं। मुझे अभी तक १४ जून को आपको भेजे गए पत्र का उत्तर नहीं मिला। मैं बहुत बेसब्री से यह जानने का इंतजार कर रहा हूं कि आप दिल्ली गए; और किताबें भेजी गईं या नहीं। इसी बीच मैंने विनोद कुमार को एक पत्र लिखा। मुझे उनसे कोई जवाब नहीं मिला है। मैं इसके बारे में भी चिंतित हूं। जैसे ही आप मेरा पत्र प्राप्त करते हैं, कृपया मुझे जवाब दें।

यह तय है कि मैं बुधवार ५ जुलाई को सैन फ्रांसिस्को जा रहा हूं और ९ जुलाई को श्री श्री जगन्नाथ देव रथयात्रा महापर्व होगा। मैं नहीं जानता कि यह कितना सफल होगा, लेकिन कार्यक्रम तय हो गया है। मेरी भारत वापसी के लिए कुछ योजनाएं थीं, लेकिन फिलहाल मेरे लिए हवाई जहाज से चौबीस घंटे का सफर संभव नहीं है। इसलिए मैं सैन फ्रांसिस्को जा रहा हूं जिसमें केवल छह घंटे लगते हैं। यह तय किया गया है कि मैं समुद्र तट पर ही रहूंगा। जैसे ही आपको मेरा पत्र प्राप्त होता है, कृपया निम्नलिखित पते पर उत्तर दें:

अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ,
५१८ फ्रेडरिक गली,
कैलिफ़ोर्निया ९४११७

विनोद कुमार के पासपोर्ट का क्या हुआ? मैंने उन्हें अलग से पत्र लिखा, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। इस दूर विदेशी देश में, एक बहुत कमजोर शरीर के साथ, समय पर पत्र प्राप्त न करते हुए मैं कुछ कठिनाई महसूस करता हूँ। मैं अब भी पूरी तरह से अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूँ, लेकिन मैं आपको हस्तलिखित पात्र भेज रहा हूँ। मुझे आशा है कि जैसे ही आप मेरा पत्र प्राप्त करेंगे, आप जवाब देकर मुझे प्रसन्न करेंगे। मेरे हाथ में जो काम है, उसे खत्म होने में दो से तीन महीने लगेंगे। मैं आशा करता हूं कि अगले सितंबर तक मैं भारत लौट पाऊंगा। यदि मुझे आपका आशीर्वाद प्राप्त हो, तो मुझे आशा है कि मैं अपना काम जल्दी पूरा कर लूंगा और श्री श्री वृंदावन धाम लौट जाऊंगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप सब ठीक हैं।

वसंवद
(कृतज्ञतापूर्वक),

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

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