HI/670721 - हयग्रीव को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क

Revision as of 06:38, 18 May 2021 by Uma (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
हयग्रीव को पत्र


अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८

आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन

२१ जुलाई, १९६७



मेरे प्रिय हयग्रीव,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैंने एयर इंडिया द्वारा कल भारत के लिए रवाना होने की व्यवस्था की है, और कीर्त्तनानन्द मेरा साथ दे रहें हैं। कृष्ण की स्वेच्छा से, शायद हम अगले सोमवार की सुबह दिल्ली पहुंचेंगे।

मैं आपके मुफ्त जलयात्रा के लिए कोशिश कर रहा हूं, और सिंधिया कंपनी के प्रबंध निदेशक को एक और पत्र लिखा है, और मुझे आशा है कि यह सफल होगा।

जब आप भारत आते हैं, तो आप मेरा संदूक़ और जो भी पैकेज अपने कमरे में अंकितक लगाया हुआ, उसे ले लेंगे। इसके अलावा, आपको या तो टेप रिकॉर्डर लेना चाहिए जो मेरे पास यहां है, या वो जो श्री कल्मैन आपूर्ति करेंगे। अंत में, वहां बड़ा शाही टंकण यंत्र हैं, जो आप अच्छी तरह से संकुलित करें और यहाँ लाना चाहिए।

मैं आपको भारत से मेरी आगमन की खबर भेजूंगा। आशा है कि आप सुरक्षित और ठीक होंगे।

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी