HI/671008 - कृष्ण देवी को लिखित पत्र, दिल्ली

Revision as of 10:34, 15 May 2021 by Harsh (talk | contribs) (Created page with "Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda



अक्टूबर ०८, १९६७

मेरी प्रिय कृष्ण देवी,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपके पति के पत्र के साथ आपके लेख से बहुत खुश हूं । पुरानी महिला जोआन हाईटावर द्वारा रचित कविता। यह कविता इंगित करती है कि आपके देश में ऐसे कई लोग हैं जो वास्तव में भारत की मूल आध्यात्मिक संस्कृति की सराहना करते हैं। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि कृष्ण चेतना का जो आंदोलन मैंने आपके देश में शुरू किया है, वह आपके देश के कई ईमानदार नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करेगा जो वास्तव में भारत से प्रामाणिक आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए उत्सुक हैं। आपके देश में अन्य स्वामी और योगी हैं और मुझे बहुत अफसोस है कि वे केवल भावना का दोहन कर सकते हैं लेकिन आधुनिक स्थिति में चीजों को पेश करने की अपनी अज्ञानता के कारण वे वास्तविक चीज नहीं पहुंचा सकते। कृपया इस आंदोलन के मूल कारण की मदद करने का प्रयास करें और मुझे विश्वास है कि आप कई सच्ची आत्माओं को संतुष्ट करने में सक्षम होंगे।

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी