HI/671105 - ब्रह्मानन्द को लिखित पत्र, कलकत्ता: Difference between revisions

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मेरे प्रिय ब्रह्मानंद, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। २१ अक्टूबर को लिखे आपके पत्र का जवाब देते हुए, मैं आपके बयान की सराहना करता हूं और मुझे खुशी है कि आपने अब गीता हस्तलेख का ख्याल रखा है। मैंने पहले ही हयग्रीव को लिखा है कि जो निर्देश मैं देता हूं वे हठधर्मिता नहीं हैं। हमारे निर्देश पर्याप्त तर्क और दर्शन पर आधारित हैं। बात यह है कि प्रचार गतिविधियों का संचालन करते समय यह काफी स्वाभाविक है कि कभी-कभी स्थिति बहुत उत्तेजक हो सकती है, लेकिन हमें इन मामलों से बहुत सावधानी से निपटना होगा। जिस लड़के ने कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूका है, उन्हें खेद और माफी का पत्र भेजना चाहिए। यह अच्छा होगा। आपको हमेशा जीवित आत्माओं को उनके विद्रोही स्वभाव में शांत करने की कोशिश करनी चाहिए। ये व्यक्तिगत धारणाएं उनके व्यक्तिगत स्वरूप है उस के लिए तथ्यात्मक सबूत हैं। यदि सब कुछ अवैयक्तिक होता तो व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती। यह समझा जाता है कि हयग्रीव डॉ हेंडरसन की वित्तीय सहायता की मदद से विल्क्स-बार में संपत्ति खरीदेंगे। मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि वे अलग से कुछ करेंगे, लेकिन मैं चाहता हूं कि गुरु-भाइयों के बीच कोई दुर्व्यवहार न हो। मुझे लगता है कि आप हयग्रीव को एक व्यक्तिगत पत्र लिख सकते हैं, जिसमें दुर्भाग्य से हुई घटना पर खेद व्यक्त किया गया है, अर्थात् कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूकना। आशा है कि आप ठीक हैं।
मेरे प्रिय ब्रह्मानंद, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। २१ अक्टूबर को लिखे आपके पत्र का जवाब देते हुए, मैं आपके बयान की सराहना करता हूं और मुझे खुशी है कि आपने अब गीता हस्तलेख का ख्याल रखा है। मैंने पहले ही हयग्रीव को लिखा है कि जो निर्देश मैं देता हूं वे हठधर्मिता नहीं हैं। हमारे निर्देश पर्याप्त तर्क और दर्शन पर आधारित हैं। बात यह है कि प्रचार गतिविधियों का संचालन करते समय यह काफी स्वाभाविक है कि कभी-कभी स्थिति बहुत उत्तेजक हो सकती है, लेकिन हमें इन मामलों से बहुत सावधानी से निपटना होगा। जिस लड़के ने कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूका है, उन्हें खेद और माफी का पत्र भेजना चाहिए। यह अच्छा होगा। आपको हमेशा जीवित आत्माओं को उनके विद्रोही स्वभाव में शांत करने की कोशिश करनी चाहिए। ये व्यक्तिगत धारणाएं उनके व्यक्तिगत स्वरूप है उस के लिए तथ्यात्मक सबूत हैं। यदि सब कुछ अवैयक्तिक होता तो व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती। यह समझा जाता है कि हयग्रीव डॉ हेंडरसन की वित्तीय सहायता की मदद से विल्क्स-बार में संपत्ति खरीदेंगे। मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि वे अलग से कुछ करेंगे, लेकिन मैं चाहता हूं कि गुरु-भाइयों के बीच कोई दुर्व्यवहार न हो। मुझे लगता है कि आप हयग्रीव को एक व्यक्तिगत पत्र लिख सकते हैं, जिसमें दुर्भाग्य से हुई घटना पर खेद व्यक्त किया गया है, अर्थात् कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूकना। आशा है कि आप ठीक हैं।



Latest revision as of 19:29, 14 January 2024

ब्रह्मानन्द को पत्र


नवंबर ३, १९६७
मेरे प्रिय ब्रह्मानंद, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। २१ अक्टूबर को लिखे आपके पत्र का जवाब देते हुए, मैं आपके बयान की सराहना करता हूं और मुझे खुशी है कि आपने अब गीता हस्तलेख का ख्याल रखा है। मैंने पहले ही हयग्रीव को लिखा है कि जो निर्देश मैं देता हूं वे हठधर्मिता नहीं हैं। हमारे निर्देश पर्याप्त तर्क और दर्शन पर आधारित हैं। बात यह है कि प्रचार गतिविधियों का संचालन करते समय यह काफी स्वाभाविक है कि कभी-कभी स्थिति बहुत उत्तेजक हो सकती है, लेकिन हमें इन मामलों से बहुत सावधानी से निपटना होगा। जिस लड़के ने कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूका है, उन्हें खेद और माफी का पत्र भेजना चाहिए। यह अच्छा होगा। आपको हमेशा जीवित आत्माओं को उनके विद्रोही स्वभाव में शांत करने की कोशिश करनी चाहिए। ये व्यक्तिगत धारणाएं उनके व्यक्तिगत स्वरूप है उस के लिए तथ्यात्मक सबूत हैं। यदि सब कुछ अवैयक्तिक होता तो व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती। यह समझा जाता है कि हयग्रीव डॉ हेंडरसन की वित्तीय सहायता की मदद से विल्क्स-बार में संपत्ति खरीदेंगे। मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि वे अलग से कुछ करेंगे, लेकिन मैं चाहता हूं कि गुरु-भाइयों के बीच कोई दुर्व्यवहार न हो। मुझे लगता है कि आप हयग्रीव को एक व्यक्तिगत पत्र लिख सकते हैं, जिसमें दुर्भाग्य से हुई घटना पर खेद व्यक्त किया गया है, अर्थात् कीर्त्तनानन्द के व्यक्ति पर थूकना। आशा है कि आप ठीक हैं।

आपका नित्य शुभचिंतक

ए.सी. भक्तिवेदांत, स्वामी