HI/680110b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680110SB-LOS_ANGELES_ND_02.mp3</mp3player>|"जैसे" पुत्र "का अर्थ क्या है? पुत्र एक पिता का पुत्र है। इसलिए जब तक पिता नहीं है, पुत्र का कोई प्रश्न नहीं है। जब तक पति नहीं है, पत्नी का कोई प्रश्न नहीं है। जब तक कि कोई काला नहीं है। सफेद का कोई सवाल नहीं है। इसी तरह, जो भी आप समझने की कोशिश करते हैं, उसके विपरीत संख्या होनी चाहिए। इसे द्वैत, या द्वैत-जगत, या द्वंद्व कहा जाता है। "|Vanisource:680110 - Lecture SB 01.05.02 - Los Angeles|680110 - प्रवचन SB 01.05.02 - लॉस एंजेलेस}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680110 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680110|HI/680112 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680112}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680110SB-LOS_ANGELES_ND_02.mp3</mp3player>|जैसे "पुत्र" का अर्थ क्या है ? पुत्र एक पिता का पुत्र है । इसलिए जब तक पिता नहीं है, पुत्र का कोई प्रश्न ही नहीं है । जब तक पति नहीं है, पत्नी का कोई प्रश्न ही नही है । जब तक कि कोई काला नहीं है, सफेद का कोई प्रश्न ही नहीं है । इसी तरह, जो भी आप समझने की कोशिश करते हैं, उसके विपरीत संख्या होनी ही चाहिए । इसे द्वैत, या द्वैत-जगत, या द्वंद्व कहा जाता है ।|Vanisource:680110 - Lecture SB 01.05.02 - Los Angeles|680110 - प्रवचन श्री.भा. १..- लॉस एंजेलेस}}

Latest revision as of 06:24, 9 January 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
जैसे "पुत्र" का अर्थ क्या है ? पुत्र एक पिता का पुत्र है । इसलिए जब तक पिता नहीं है, पुत्र का कोई प्रश्न ही नहीं है । जब तक पति नहीं है, पत्नी का कोई प्रश्न ही नही है । जब तक कि कोई काला नहीं है, सफेद का कोई प्रश्न ही नहीं है । इसी तरह, जो भी आप समझने की कोशिश करते हैं, उसके विपरीत संख्या होनी ही चाहिए । इसे द्वैत, या द्वैत-जगत, या द्वंद्व कहा जाता है ।
680110 - प्रवचन श्री.भा. १.५.२ - लॉस एंजेलेस