HI/680222 - पुरुषोत्तम को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस

Revision as of 08:07, 10 October 2021 by DayaLakshmi (talk | contribs) (Created page with "Category:HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित Category:HI/सभी हिं...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Letter to Purusottam


त्रिदंडी गोस्वामी
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
आचार्य: अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ


शिविर: इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर

     5364 डब्ल्यू पिको बुलेवार्ड।
     लॉस एंजिल्स, कैल। ९००१९

दिनांक ....फरवरी....22,............1968


मेरे प्रिय पुरुषोत्तम,


कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका 19 फरवरी, 1968 का पत्र प्राप्त हुआ है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि न्यूयॉर्क मंदिर में सब कुछ बहुत अच्छे से है और कृष्ण हाल ही में कई नए भक्तों को आकर्षित कर रहे हैं। जितना अधिक आप ईमानदारी से कृष्ण की सेवा करेंगे, उतना ही वे आपकी सहायता के लिए आपको उसी प्रकार के भक्त भेजेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के एन.जी.ओ अनुभाग के संबंध में, मैं श्री डेविड जे. एक्सले को संबोधित करते हुए एक वक्तव्य संलग्न कर रहा हूँ, जो हमारे आंदोलन के महत्व को समझा रहा है। आप उन्हें सूचित कर सकते हैं कि भारत और इंग्लैंड में गौड़ीय मठ संस्थान भी इस संस्था के भाग हैं। और जैसा कि मेरे गुरु-भाइयों ने भारत के विभिन्न भागों में और पूर्व में सैकड़ों संस्थाओं की स्थापना की है। मैं भी पश्चिमी देशों में ऐसे ही केंद्र खोलने का प्रयास कर रहा हूँ। हमारी गतिविधियाँ कृष्णभावनामृत के आधार पर गौड़ीय मठ से जुड़ी हुई हैं। तो इन सभी मठों और अन्य विभिन्न संस्थानों के माध्यम से, हम विश्व के विभिन्न भागों में संयुक्त राष्ट्र के विषय में सारी जानकारी प्रसारित कर सकते हैं।
आप दोनों जाओ और उन सज्जन को हमारे आंदोलन के महत्व के विषय में समझाने का प्रयास करो और बाकी कृष्ण पर निर्भर करेगा, जैसा वह चाहते हैं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और अंतिम परिणाम कृष्ण की व्यवस्था पर निर्भर करेगा। ये संस्थाएँ हमसे जुड़ी हुई हैं और प्रत्येक मठ सैकड़ों शाखाओं के मुख्यालय हैं और इनके माध्यम से हम संयुक्त राष्ट्र के विषय में बहुत सारी जानकारी प्रसारित कर सकते हैं।

आशा करते हैं कि आप अच्छे होंगे।
आपका परम शुभचिंतक,


एन.बी. क्योंकि वे पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए इतने आतुर हैं। इस बिंदु पर विस्तार करना एक अच्छा विचार हो सकता है कि पूर्वी देशों में हमारा बहुत व्यापक प्रभाव है, और हम वहाँ संयुक्त राष्ट्र के लिए बहुत अच्छा शांति-प्रचार कर सकते हैं।
पी.एस. मैं गौड़ीय मठ संस्थानों में गुरु भाईयों के कुछ प्रमाण पत्र इसके साथ संलग्न कर रहा हूँ। मेरे विचार से मेरे अपार्टमेंट में उनकी फोटोस्टेट प्रतियाँ हैं। अगर वे वहाँ हैं, तो कृपया उन फोटोस्टेट को जमा करें, टाइप की हुई प्रतियों को। कृपया मुझे यह भी बताएँ कि क्या ब्रह्मानंद को यूनाइटेड शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ कलकत्ता से शिपिंग दस्तावेज प्राप्त हो गए हैं। एस. एस. बृजबासी कंपनी से भी? [हस्तलिखित]