HI/680224 - चिदानंद को लिखित पत्र, लॉस एंजेलिस

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Letter to Cidananda


२४ फरवरी, १९६८
सैन फ्रांसिस्को
मेरे प्रिय चिदानंद,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका २० फरवरी, का पत्र पाकर बहुत प्रसन्नता हुई और मैंने सभी विषयों को नोट कर लिया है। [अस्पष्ट] आप केवल हमारे भक्तों को प्रसादम् देने की व्यवस्था कर सकते हैं। हम दरिद्र वर्ग के पुरुषों को खाद्य-सामग्री वितरित करने के लिए आर्थिक रूप से स्थित नहीं हैं। ऐसे व्यक्ति किसी दानशील संस्था की शरण मे जा सकते हैं। वर्तमान समय में, हम दान देने की स्थिति में नहीं हैं। परंतु भक्तों के लिए हम कोई भी त्याग कर सकते हैं। तो आप उन लोगों के लिए प्रसाद तैयार करना रोक सकते हैं जो न ही कार्य करने को तैयार हैं और न ही खर्च देने को तैयार हैं। आपके भारत जाने के संबंध में, यह पहले से ही मेरे कार्यक्रम में है। कृपया कुछ पैसे बचा कर रखें, केवल अपनी यात्रा के लिए ही नहीं, अपितु मेरी यात्रा के लिए भी। मैं १० मार्च तक सैन फ़्रांसिस्को वापस आ रहा हूँ। जब हम मिलेंगे, तब हम अपने भारतीय कार्यक्रम के विषय में और चर्चा करेंगे। मुझे लगता है कि कृष्ण की इच्छा है कि आप मेरे साथ भारत आएँ और वहाँ एक अच्छा भारतीय केंद्र स्थापित करने में सहायता करें।
आपका परम शुभचिंतक,
[अहस्ताक्षरित]

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

५१८ फ्रेडरिक सेंट
सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया