HI/680315b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
चाणक्य पंडित कहते है कि 'समय इतना मूल्यवान है कि यदि आप लाखों स्वर्ण मुद्राएं देते हैं, तो भी आप एक पल भी वापस नहीं ला सकते ।' जो खो गया है वह खो गया है । 'न चेन निरर्थकम नीति: 'यदि आप ऐसे मूल्यवान समय को तुच्छ चीज़ के लिए खराब करते हैं, बिना किसी लाभ के, च न हानिस् ततो अधिका, 'बस कल्पना कीजिए कि आप कितना खो रहे हैं, आप कितने हारे हुए हैं । वह चीज जो आप लाखों डॉलर का भुगतान करके वापस नहीं पा सकते हैं, अगर वह तुच्छ चीज़ के लिए खोते है, तो आप कितना खो रहे हैं, बस कल्पना करें । तो वही बात: प्रहलाद महाराज कहते हैं कि धर्मान् भागवतान, कृष्ण भावनाभावित या भगवद भावनाभावित होना, यह इतना महत्वपूर्ण है कि हमें एक पल का भी समय नहीं गंवाना चाहिए । तुरंत ही हमें शुरू करना चाहिए । क्यों ? दुर्लभं मानुषं जन्म (श्री.भा. ७.६.१) । उनका कहना है कि यह मनुष्य शरीर बहुत दुर्लभ है । यह कई जन्मों, कई जन्मों के बाद प्राप्त होता है । तो आधुनिक सभ्यता, वे यह नहीं समझते हैं कि इस मानव जीवन का मूल्य क्या है ।
680315 - प्रवचन श्री.भा. ७.६.१ - सैन फ्रांसिस्को