HI/680706 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 14:33, 2 June 2019

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो भगवान हमेशा आपके प्रेम के लिए बेचैन रहते हैं, आपकी भौतिक चीजों के लिए नहीं । श्रील रूप गोस्वामी ने वर्णन किया है कि जैसे कोई आप के समक्ष बहुत अच्छा, स्वादिष्ट व्यंजन, खाद्य पदार्थों को प्रस्तुत करता है, लेकिन दुर्भाग्य से, अगर आपको कोई भूख नहीं है, तो ये सब बेकार हैं, क्योंकि आप भोजन नहीं कर सकते, कोई भूख नहीं है । इसी तरह, आप भगवान को बहुत सारी चीजों की प्रस्तुति का दिखावा कर सकते हैं, लेकिन अगर आपके पास कोई भक्तिमय प्रेम नहीं है, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाता । उसको स्वीकार नहीं किया जाता, क्योंकि भगवान गरीब नहीं हैं । वे आपसे भीख नहीं मांग रहे है ।
680706 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.९ - मॉन्ट्रियल