HI/680824 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680824BG-MONTREAL_ND_01.mp3</mp3player>|"तो भगवद गीता ईश्वर का विज्ञान है। सब कुछ समझने की वैज्ञानिक प्रक्रिया है। श्रीमद-भागवतम में कहा गया है, jṣānaṁ me parama-guhyaṁ yad ijṣāna-samanvitam ([[Vanisource:SB 2.9.31|SB 2.9.31]])। ईश्वर का ज्ञान, या विज्ञान बहुत गोपनीय है। यह विज्ञान साधारण विज्ञान नहीं है। यह बहुत गोपनीय है। Jānaṣ me parama-guhyaṁ yad vijṣāna-samanvitam। विजयन का अर्थ है ... Vi का अर्थ विशिष्ट है। यह विशिष्ट है। ज्ञान, और इसे विशिष्ट प्रक्रिया से समझना होगा। "|Vanisource:680824 - Lecture BG 04.01 - Montreal|680824 - प्रवचन BG 04.01 - मॉन्ट्रियल}}
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Latest revision as of 17:08, 9 June 2019

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो भगवद गीता भगवान का विज्ञान है । हर चीज को समझने की वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है । श्रीमद-भागवतम में कहा गया है, ज्ञानं मे परमगुह्यं यद विज्ञान समन्वितम् (श्री.भा. २.९.३१) । भगवान का ज्ञान, या विज्ञान, बहुत गोपनीय है । यह विज्ञान साधारण विज्ञान नहीं है । यह बहुत गोपनीय है । ज्ञानं मे परमगुह्यं यद विज्ञान समन्वितम् । विज्ञान का अर्थ है... वि का अर्थ है विशिष्ट । यह विशिष्ट ज्ञान है, और इसे विशिष्ट प्रक्रिया से समझना होगा ।
680824 - प्रवचन भ.गी. ४.१ - मॉन्ट्रियल