HI/680913 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 00:49, 9 January 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
हम कृष्ण की पूजा एक छोटे फूल से, छोटे फल से, थोड़े पानी के साथ कर सकते हैं, बस । यह कितना सार्वभौमिक है ! एक छोटा फूल, थोड़े फल, थोड़ा पानी किसी भी गरीब आदमी द्वारा एकत्र किया जा सकता है । कृष्ण की पूजा करने के लिए आपको कई हज़ार डॉलर कमाने की आवश्यकता नहीं है । कृष्ण आपसे हजारों डॉलर या लाखों रुपये का योगदान करने के लिए क्यो कहेंगे ? नहीं । वे स्वयं में पूर्ण है । उनके पास सब कुछ पूर्ण रूप से है । तो वे भिक्षुक नहीं है । लेकिन वे भिक्षुक है । किस अर्थ में ? वे आपके प्रेम की भिक्षा माँग रहे है । |
680913 - प्रवचन ब्र.सं. ५.२९-३० - सैन फ्रांसिस्को |