HI/681021 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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उड़ना पडता | {{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/681020b बातचीत - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|681020b|HI/681021b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|681021b}} | ||
आकाश मे | <!-- END NAVIGATION BAR --> | ||
पर्याप्त रूप से मजबूत है, तो हम उड़ सकते हैं; अन्यथा खतरा | {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/681021SB-SEATTLE_ND_01.mp3</mp3player>|जब एक पक्षी आकाश में उड़ता है, उसे पिछे सब कुछ छोडना पडता है, और उसे आकाश में अपने बल पे उड़ना पडता है । कोई और मदद नहीं है । पक्षी ही क्यों ? इन हवाई जहाज़, जेट विमानों को ही ले लो । जब हम आकाश मे जाते है, ये धरती छोड़ कर, हम जमीन पर की हमारी ताकत पर निर्भर नहीं रह सकते हैं । यदि विमान पर्याप्त रूप से मजबूत है, तो हम उड़ सकते हैं; अन्यथा खतरा है । उसी प्रकार जो व्यक्ति बहुत भौतिकवादी हैं, वे सोच रहे हैं कि यह धन, प्रतिष्ठा और भौतिक ताकत उसे बचाएगी । नहीं । यह भ्रम है ।|Vanisource:681021 - Lecture SB 07.09.08 - Seattle|681021 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.८ - सिएटल}} | ||
उसी प्रकार जो व्यक्ति बहुत भौतिकवादी हैं, वे सोच रहे हैं कि यह धन,प्रतिष्ठा और भौतिक ताकत उसे | |||
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
जब एक पक्षी आकाश में उड़ता है, उसे पिछे सब कुछ छोडना पडता है, और उसे आकाश में अपने बल पे उड़ना पडता है । कोई और मदद नहीं है । पक्षी ही क्यों ? इन हवाई जहाज़, जेट विमानों को ही ले लो । जब हम आकाश मे जाते है, ये धरती छोड़ कर, हम जमीन पर की हमारी ताकत पर निर्भर नहीं रह सकते हैं । यदि विमान पर्याप्त रूप से मजबूत है, तो हम उड़ सकते हैं; अन्यथा खतरा है । उसी प्रकार जो व्यक्ति बहुत भौतिकवादी हैं, वे सोच रहे हैं कि यह धन, प्रतिष्ठा और भौतिक ताकत उसे बचाएगी । नहीं । यह भ्रम है । |
681021 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.८ - सिएटल |