HI/681219 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/681219BG-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"समस्त भौतिक ऊर्जा इस सौंदर्य से हम सभी को मंत्रमुग्ध कर रही है, नारी सुलभ सौंदर्य।  वास्तव में, कोई सुंदरता नहीं है। एक भ्रम है। शंकराचार्य कहते हैं कि "तुम इस सौंदर्य के पीछे लगे हो, किन्तु क्या तुमने इसका विश्लेषण किया है, क्या है यह सौंदर्य?" एतद रक्त-मांस-विकारम। यह बिलकुल ऐसी है जैसे हमारे शिष्य गोविन्द दासी और नर-नारायण प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से ढलाई करे रहे हैं। इस समय कोई आकर्षण नहीं है। किन्तु यह प्लास्टर ऑफ़ पेरिस, जब यह अच्छी तरह से रंगा जायेगा, यह अति आकर्षक हो जायेगा।  इसी प्रकार, यह शरीर रक्त और मज्जा और नसों का समुच्चय है। अगर तुम शरीर के ऊपर के भाग को काटो, ज्यों ही तुम भीतर देखोगे, यह सभी घिनौना है, अत्यंत ख़राब चीज़ें। किन्तु बाह्य रूप से इस प्रकार माया के भ्रामक रंग से रंगा है, ओह, यह बहुत आकर्षक दीखता है। और वह हमारी इन्द्रियों को आकर्षित कर रहा है।"|Vanisource:681219 - Lecture BG 02.62-72 - Los Angeles|681219 - प्रवचन BG 02.62-72 - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 00:15, 17 March 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"समस्त भौतिक ऊर्जा इस सौंदर्य से हम सभी को मंत्रमुग्ध कर रही है, नारी सुलभ सौंदर्य। वास्तव में, कोई सुंदरता नहीं है। एक भ्रम है। शंकराचार्य कहते हैं कि "तुम इस सौंदर्य के पीछे लगे हो, किन्तु क्या तुमने इसका विश्लेषण किया है, क्या है यह सौंदर्य?" एतद रक्त-मांस-विकारम। यह बिलकुल ऐसी है जैसे हमारे शिष्य गोविन्द दासी और नर-नारायण प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से ढलाई करे रहे हैं। इस समय कोई आकर्षण नहीं है। किन्तु यह प्लास्टर ऑफ़ पेरिस, जब यह अच्छी तरह से रंगा जायेगा, यह अति आकर्षक हो जायेगा। इसी प्रकार, यह शरीर रक्त और मज्जा और नसों का समुच्चय है। अगर तुम शरीर के ऊपर के भाग को काटो, ज्यों ही तुम भीतर देखोगे, यह सभी घिनौना है, अत्यंत ख़राब चीज़ें। किन्तु बाह्य रूप से इस प्रकार माया के भ्रामक रंग से रंगा है, ओह, यह बहुत आकर्षक दीखता है। और वह हमारी इन्द्रियों को आकर्षित कर रहा है।"
681219 - प्रवचन BG 02.62-72 - लॉस एंजेलेस