HI/690106 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690106BG-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"जब भी और जहाँ भी धार्मिक प्रथा में गिरावट होती है ..." वह धर्म प्रथा क्या है? जब भी ईश्वर के प्रेम में गिरावट या पतन होता है। बस इतना ही। जब लोग भौतिक सुख के प्रेमी बन जाते हैं, तो इसका मतलब है कि वास्तविक धर्म का पतन हो गया है। और जब लोग कृष्ण के प्रेम में वृद्धि करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह  वास्तविक धर्म है । तो कृष्ण आते हैं, या कृष्ण के सेवक या प्रतिनिधि आते हैं, फिर से समाज को धर्म के आधार पर समायोजित करने के लिए। जब लोग कृष्ण से प्रेम करना भूल जाते हैं, तो कोई, या तो कृष्ण खुद या उनका प्रतिनिधि समाज को कृष्ण-प्रेम धर्म के आधार पर समाज को समायोजित करने के लिए आते है। तो यह कृष्णभावना आंदोलन एक अवतार है। हम ये सिखा रहे हैं कि कृष्ण से प्रेम कैसे करना है। हम कोई अनुष्ठानिक प्रक्रिया नहीं सिखा रहे हैं, कि "आप हिंदू बन जाओ," "आप ईसाई बन जाओ," "आप मुहम्मद बन जाओ।" हम बस सिखा रहे हैं, "आप भगवान कृष्ण से प्यार करने की कोशिश करो।"|Vanisource:690106 - Lecture BG 04.07-10 - Los Angeles|690106 - प्रवचन भ. गी. ०४.०७ -१० - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 23:40, 12 April 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जब भी और जहाँ भी धार्मिक प्रथा में गिरावट होती है ..." वह धर्म प्रथा क्या है? जब भी ईश्वर के प्रेम में गिरावट या पतन होता है। बस इतना ही। जब लोग भौतिक सुख के प्रेमी बन जाते हैं, तो इसका मतलब है कि वास्तविक धर्म का पतन हो गया है। और जब लोग कृष्ण के प्रेम में वृद्धि करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह वास्तविक धर्म है । तो कृष्ण आते हैं, या कृष्ण के सेवक या प्रतिनिधि आते हैं, फिर से समाज को धर्म के आधार पर समायोजित करने के लिए। जब लोग कृष्ण से प्रेम करना भूल जाते हैं, तो कोई, या तो कृष्ण खुद या उनका प्रतिनिधि समाज को कृष्ण-प्रेम धर्म के आधार पर समाज को समायोजित करने के लिए आते है। तो यह कृष्णभावना आंदोलन एक अवतार है। हम ये सिखा रहे हैं कि कृष्ण से प्रेम कैसे करना है। हम कोई अनुष्ठानिक प्रक्रिया नहीं सिखा रहे हैं, कि "आप हिंदू बन जाओ," "आप ईसाई बन जाओ," "आप मुहम्मद बन जाओ।" हम बस सिखा रहे हैं, "आप भगवान कृष्ण से प्यार करने की कोशिश करो।"
690106 - प्रवचन भ. गी. ०४.०७ -१० - लॉस एंजेलेस