HI/690108b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690108BG-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"तो भागवत कहती है कि चाहे तुम एक असीमित कामना करने वाले व्यक्ति हो, या तुम सभी कामनाओं से मुक्त हो गए हो, या तुम इस सांसारिक बद्ध जीवन से मुक्ति चाह रहे  हो, तुम कृपया कृष्ण चैतन्य बनने का प्रयत्न करो। तुम्हारी कामनाएं, जो भी कामनाएं तुम्हें हैं, वे पूर्ण हो जाएँगी। वे पूर्ण हो जाएँगी। तो यह उद्धृत किया गया है। अकामः सर्व-कामो वा। तो जो भी कामनाएं तुम्हें हैं, यदि तुम कृष्ण चैतन्य बन जाओ तब तुम्हारी वह कामना पूर्ण हो जाएगी।"|Vanisource:690108 - Lecture BG 04.11-18 - Los Angeles|690108 - प्रवचन BG 04.11-18 - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 23:03, 16 April 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो भागवत कहती है कि चाहे तुम एक असीमित कामना करने वाले व्यक्ति हो, या तुम सभी कामनाओं से मुक्त हो गए हो, या तुम इस सांसारिक बद्ध जीवन से मुक्ति चाह रहे हो, तुम कृपया कृष्ण चैतन्य बनने का प्रयत्न करो। तुम्हारी कामनाएं, जो भी कामनाएं तुम्हें हैं, वे पूर्ण हो जाएँगी। वे पूर्ण हो जाएँगी। तो यह उद्धृत किया गया है। अकामः सर्व-कामो वा। तो जो भी कामनाएं तुम्हें हैं, यदि तुम कृष्ण चैतन्य बन जाओ तब तुम्हारी वह कामना पूर्ण हो जाएगी।"
690108 - प्रवचन BG 04.11-18 - लॉस एंजेलेस