HI/690109b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह कृष्ण चेतना है, यह समझने के लिए कि सब कृष्णा का है। अगर कोई इस तरह से काम करता है तो सब कुछ...ईशावास्यं इदं सर्वं (इसो 1).

श्री इसोपनिषद ने कहा है, 'सब कुछ भगवान कह है', पर भगवान ने मुझे यह मौका दिया है कि मैं इन चीजों को संभाल सकूं। इसीलिए मेरा ज्ञान और बुद्धि रहेगा अगर मैं इसका भगवान की सेवा में उपयोग करू।

जैसे ही मैं इन चीजों का उपयोग अपने इंद्रिय तृप्ति के लिए करता हूं, तब मैं फस जाता हूं। वही उदाहरण दिया जा सकता है: अगर बैंक का केशियर सोचता है, ओह, मेरे निपटान मैं लाखों डॉलर है। इससे मुझे अपने जेब में डाल दे दो, तो वह फस जाता है। अन्यथा तुम आनंद लो। तुम्हें अच्छा वेतन मिलता है। तुम्हें अच्छा आराम मिलता है और तुम अच्छे से कृष्णा के लिए काम करो। यह कृष्ण चेतना है। हर कोई चीज को कृष्णा का मानना चाहिए। मेरा कुछ भी नहीं। वह कृष्ण चेतना है।"

690109 - Lecture BG 04.19-25 - Los Angeles