HI/690114 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 23:08, 30 April 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"सर्व-धर्मान परित्यज्य माम् एकम शरणम व्रज (भ.गी १८.६६): " आप अन्य सभी धर्म छोड़ कर बस मेरे पास आत्मसमर्पण कर दो।" यह ज्ञान है। इसलिए जिसने यह ज्ञान प्राप्त कर लिया है ... अब, यह शुरुआत है। यह कृष्ण चेतना में एक कदम है, कि बस ..., एक जो दृढ़ता से आश्वस्त है कि 'बस कृष्ण भावनामृत में कर्तव्यों को निष्पादित करने से, मेरे अन्य सभी कार्य अच्छी तरह से हो जाएंगे।" |
690114 - प्रवचन भ.गी. ०४.३९-४२ - लॉस एंजेलेस |