HI/690120b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 23:17, 30 April 2020 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - add new navigation bars (prev/next))
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो सब कुछ भगवान की संपत्ति है। तुम नहीं कर सकते, तुम भी भगवान के बेटे हो, तुम भगवान की अनुमति के बिना कुछ भी नहीं ले जा सकते। अपने पिता की संपत्ति की तरह। आप अपने पिता की विरासत प्राप्त कर सकते हो .. यह एक तथ्य है। लेकिन मान लीजिए कि एक पिता ने मेज पर एक हजार डॉलर रखे है। यदि आप इसे उनकी अनुमति के बिना लेते हैं, यदि आपको लगता है कि "यह मेरे पिता का पैसा है, "लेकिन कानून द्वारा आप एक अपराधी बन जाते हैं।", आपके पिता आप पर आपराधिक मुकदमा चला सकते हैं। यह राज्य का कानून भी है। यदि वो पैसे आपके पिता के पैसे हैं, यहां तक ​​कि आपके पिता भी बहुत दयालु हैं, लेकिन अगर आप अपने पिता के पैसे को उनकी अनुमति के बिना लेते हैं, तो आप एक अपराधी हैं। और दूसरों की क्या बात करें? इसी तरह, हम सभी भगवान के बेटे हैं।"
690120 - प्रवचन श्रीमद भागवतम ०५.०५.०१ - लॉस एंजेलेस