HI/690122 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 23:35, 4 May 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो सोना... खाना, सोना, संभोग - संभोग करना। जो आनंद कबूतर ले रहा है, मनुष्य भी वो ही आनंद ले रहा है, आप भी आनंद ले रहे हैं। और आप बचाव कर रहे हैं - वे कबूतर भी अपने पंखों से बचाव कर रहे हैं; आप परमाणु बम से बचाव कर रहे हैं। इसलिए जीवन की गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है। तो कृष्ण जब कहते हैं कि "काम करना बंद करो" का अर्थ है जानवरों की तरह काम करना बंद करो, लेकिन काम को रोकने के लिए नहीं कहा, जैसा कि जागरूक लोग काम कर रहे हैं- हरे कृष्ण का जाप करना बंद न करें। आप पशुवत जीवन को रोकें और अपना आध्यात्मिक जीवन शुरू करें।" यही उद्देश्य है।”
690122 - प्रवचन भ. गी. ५.१-२ - लॉस एंजेलेस