HI/690131 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
(Vanibot #0025: NectarDropsConnector - add new navigation bars (prev/next))
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६९]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६९]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]]
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/690122b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690122b|HI/690207 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690207}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690131PU-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"तो यहाँ नरोत्तम दास ठाकुर गा रहे हैं कि 'सारी दुनिया भौतिक अस्तित्व की धधकती आग के नीचे तड़प रही है। इसलिए, यदि कोई भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेता है ...,' जिनका जन्मदिन आज, ३१, जनवरी (१९६९) है। इसलिए हमें नरोत्तम दास ठाकुर के इस निर्देश को याद रखना चाहिए कि इस भौतिक अस्तित्व की धधकती आग से राहत पाने के लिए, भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेना चाहिए क्योंकि यह लाखों चंद्रमाओं की संयुक्त किरणों के समान शीतल है।"
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690131PU-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"तो यहाँ नरोत्तम दास ठाकुर गा रहे हैं कि 'सारी दुनिया भौतिक अस्तित्व की धधकती आग के नीचे तड़प रही है। इसलिए, यदि कोई भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेता है ...,' जिनका जन्मदिन आज, ३१, जनवरी (१९६९) है। इसलिए हमें नरोत्तम दास ठाकुर के इस निर्देश को याद रखना चाहिए कि इस भौतिक अस्तित्व की धधकती आग से राहत पाने के लिए, भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेना चाहिए क्योंकि यह लाखों चंद्रमाओं की संयुक्त किरणों के समान शीतल है।"
|Vanisource:690131 - Lecture Purport to Nitai-Pada-Kamala - Los Angeles|690131 - प्रवचन निताई पद कमल भजन पर व्याख्या - लॉस एंजेलेस}}
|Vanisource:690131 - Lecture Purport to Nitai-Pada-Kamala - Los Angeles|690131 - प्रवचन निताई पद कमल भजन पर व्याख्या - लॉस एंजेलेस}}

Latest revision as of 23:39, 4 May 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो यहाँ नरोत्तम दास ठाकुर गा रहे हैं कि 'सारी दुनिया भौतिक अस्तित्व की धधकती आग के नीचे तड़प रही है। इसलिए, यदि कोई भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेता है ...,' जिनका जन्मदिन आज, ३१, जनवरी (१९६९) है। इसलिए हमें नरोत्तम दास ठाकुर के इस निर्देश को याद रखना चाहिए कि इस भौतिक अस्तित्व की धधकती आग से राहत पाने के लिए, भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय लेना चाहिए क्योंकि यह लाखों चंद्रमाओं की संयुक्त किरणों के समान शीतल है।"

690131 - प्रवचन निताई पद कमल भजन पर व्याख्या - लॉस एंजेलेस