HI/690521 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"वैदिक साहित्य यह बताता है कि लब्ध्वा सुदुर्लभम् इदम् (श्रीमद भागवतम ९.९.२९) इदं का अर्थ है 'यह'। 'इसका अर्थ है यह शरीर, यह अवसर, मानव जीवन का रूप, विकसित चेतना। पूर्ण सुविधा। जानवर के पास कोई सुविधा नहीं है। वे जंगलों में रह रहे हैं। लेकिन हम इन जंगलों, इन जंगलों का उपयोग कर सकते हैं, इतने आरामदायक स्थिति के लिए। इसलिए हमें विकसित चेतना, बुद्धिमत्ता मिली है। हम इसका उपयोग कर सकते हैं। इसीलिए मानव जीवन को अर्थदम कहा जाता है। अर्थ। अर्थ के दो अर्थ हैं। अर्थ-शास्त्र। अर्थ-शास्त्र का अर्थ है, धन को कैसे बढ़ाया जाए। इसे अर्थ कहा जाता है। इसलिए अर्थदम्। जीवन का यह मानवीय रूप आप पर अर्थ का बोध करा सकता है।"
690521 - दीक्षा प्रवचन - न्यू वृन्दावन, यु इस ए