HI/690527 - हंसदूत को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका: Difference between revisions

(Created page with "Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र‎ Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,...")
 
No edit summary
 
Line 9: Line 9:
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - अतिरिक्त लिखावट के साथ‎‎]]
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - अतिरिक्त लिखावट के साथ‎‎]]
[[Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित]]
[[Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित]]
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png|link=Category:Letters - by Date]]'''[[:Category:Letters - by Date|Letters by Date]], [[:Category:1969 - Letters|1969]]'''</div>
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png|link= HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार]]'''[[:Category:HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार|HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र -  दिनांक के अनुसार]], [[:Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र|1969]]'''</div>
<div div style="float:right">
'''<big>[[Vanisource:690527 - Letter to Hansadutta written from New Vrindaban, USA|Original Vanisource page in English]]</big>'''
</div>
{{LetterScan|690527_-_Letter_to_Hansadutta.JPG| हंसदूत को पत्र}}
{{LetterScan|690527_-_Letter_to_Hansadutta.JPG| हंसदूत को पत्र}}



Latest revision as of 07:20, 24 April 2022

हंसदूत को पत्र


त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ

केंद्र: न्यू वृंदाबन
       आरडी ३,
       माउंड्सविल, वेस्ट वर्जीनिया
       २६०४१
दिनांक......मई २७,...................१९६९

मेरे प्रिय हंसदूत,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपके दिनांक मई २२, १९६९ के पत्र की प्राप्ति की सूचना देना चाहता हूं, और मैंने विषय को ध्यान से नोट कर लिया है। मैंने उन लड़के को दीक्षा दी है जिनकी आपने सिफारिश की है जिनका नाम स्टीव* है और उनकी जप माला इसके साथ भेजे गए हैं। कृपया जहां तक संभव हो कृष्णभावनामृत के सिद्धांतों को समझने में उनकी मदद करें। चंदनाचार्य के सदानंदिनी के साथ विवाह के संबंध में, यदि वे आपस में बस जाते हैं, तो मुझे खुशी होगी। वे बहुत अच्छा संयोजन हैं। आपने लिखा है कि आप कानुप्रिया के साथ टोरंटो जाने की इच्छा कर रहे हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब मॉन्ट्रियल मंदिर का त्याग न हो। आप वहां इतना अच्छा कर रहे हैं जैसा आपने लिखा है, तो आप क्यों जाना चाहते हैं? बहुत जल्द हमें बैक टू गॉडहेड की भारी मात्रा मिलेगी, और मैं चाहता हूं कि मॉन्ट्रियल मंदिर कम से कम १०० डॉलर क़ीमत की प्रतियां हर महीने बेचने के लिए ख़रीदे। क्या आपको लगता है कि टोरंटो में आप उतना पैसा जुटा पाएंगे जितना आप मॉन्ट्रियल में अभी कर रहे हैं? कृपया इन मामलों पर विचार करें और मुझे बताएं कि आपने क्या निर्णय लिया है। वैसे भी, मुझे खुशी है कि आप इस उदात्त आंदोलन को फैलाने के लिए बहुत उत्साहित हैं, और भक्तों को न्यूपोर्ट महोत्सव में जाने का आपका विचार बहुत अच्छा है। आप इस बिंदु पर अन्य केंद्रों के साथ पत्राचार कर सकते हैं। दूसरी बात यह है कि मैंने भरदराज और रुक्मिणी से कुछ नहीं सुना। मैं उनसे सुनने के लिए उत्सुक हूं और यह देखने के लिए कि वे चित्र कैसे कर रहे हैं। मेरे पास उनके करने के लिए बहुत सारे चित्र हैं, लेकिन वे पत्राचार क्यों नहीं कर रहे हैं?

कृपया मेरा आशीर्वाद हिमावती और अन्य सभी को दें। मुझे आशा है कि आप सभी अच्छे हैं।

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
श्रीपति दास। [हस्तलिखित]