HI/690607 - श्रीमती डेविस को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका: Difference between revisions
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प्रिय श्रीमती डेविस, | प्रिय श्रीमती डेविस, | ||
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका मई ३१, १९६९ का पत्र प्राप्त हुआ है और मैंने विषय को ध्यान से नोट कर लिया है। पतित उद्धरण दो दिन पहले यहां थे, और मैंने उनसे उस स्थिति के बारे में बात की थी जिसका आपने अपने पत्र में उल्लेख किया है। यदि आप यहां न्यू वृंदाबन आ सकते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होगी। आपके बेटे, पतित उद्धरण, को सारी बात समझा दी गई है, इसलिए आप | कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका मई ३१, १९६९ का पत्र प्राप्त हुआ है और मैंने विषय को ध्यान से नोट कर लिया है। पतित उद्धरण दो दिन पहले यहां थे, और मैंने उनसे उस स्थिति के बारे में बात की थी जिसका आपने अपने पत्र में उल्लेख किया है। यदि आप यहां न्यू वृंदाबन आ सकते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होगी। आपके बेटे, पतित उद्धरण, को सारी बात समझा दी गई है, इसलिए आप उनके साथ परामर्श कर सकते हैं और आवश्यक कार्य कर सकते हैं। | ||
मुझे आशा है की आप अच्छे हैं। <br/> | मुझे आशा है की आप अच्छे हैं। <br/> |
Latest revision as of 00:20, 17 May 2022
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
केंद्र: न्यू वृंदाबन
आरडी ३,
माउंड्सविल, वेस्ट वर्जीनिया
दिनांक...... जून ७,...................१९६९
प्रिय श्रीमती डेविस,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका मई ३१, १९६९ का पत्र प्राप्त हुआ है और मैंने विषय को ध्यान से नोट कर लिया है। पतित उद्धरण दो दिन पहले यहां थे, और मैंने उनसे उस स्थिति के बारे में बात की थी जिसका आपने अपने पत्र में उल्लेख किया है। यदि आप यहां न्यू वृंदाबन आ सकते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होगी। आपके बेटे, पतित उद्धरण, को सारी बात समझा दी गई है, इसलिए आप उनके साथ परामर्श कर सकते हैं और आवश्यक कार्य कर सकते हैं।
मुझे आशा है की आप अच्छे हैं।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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