HI/690610 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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Nectar Drops from Srila Prabhupada
प्रारंभ में हम अपराधयुक्त जप करते है - दस प्रकार के अपराध। परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि हम जप नहीं करेंगे। यदि अपराध भी हैं, हम फिर भी जप करते रहेंगे। जप करने से हमें सभी अपराधों से मुक्त होने में सहायता मिलेगी। अवश्य, हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम अपराध न करे। इसलिए दस प्रकार के अपराधों की यह सूची दी गई है। हमें इससे बचने का प्रयास करना चाहिए। और जैसे ही अपराधमुक्त जप होता है, तो व्यक्ति मुक्त अवस्था पर पहुंच जाता है। यह मुक्त अवस्था है। और मुक्त अवस्था के उपरांत, जप अत्यधिक आनंद दायक होगा क्योंकि यह दिव्य अवस्था है तत्पश्चात भगवान के वास्तविक प्रेम का आभास किया जाएगा।
690610 - प्रवचन श्री.भा. १.५.११ - न्यू वृन्दावन - अमरीका