HI/690616 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९६९ Category:HI/अम...") |
No edit summary |
||
Line 5: | Line 5: | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/690613 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690613|HI/690616b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690616b}} | {{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/690613 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690613|HI/690616b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690616b}} | ||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | <!-- END NAVIGATION BAR --> | ||
{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690616SB-NEW_VRINDABAN_ND_01.mp3</mp3player>|हम | {{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690616SB-NEW_VRINDABAN_ND_01.mp3</mp3player>|हम जीवात्मा हैं । हम किसी भी भौतिक स्थिति के अंतर्गत नहीं हो सकते हैं । जैसे कि हमारी सामान्य स्थिति स्वस्थ जीवन है, बुखार की स्थिति नहीं । यह असामान्य जीवन है । यदि किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो वह उसका सामान्य जीवन नहीं है । यह अस्थायी है, असामान्य जीवन । वास्तविक जीवन स्वस्थ जीवन है । हमें ठीक से भोजन चाहिए । हमें भली प्रकार निद्रा लेनी चाहिए। इस प्रकार हम बहुत अच्छी तरह से काम करेंगे । हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से कार्य करना चाहिए । ये स्वस्थ संकेत हैं । परंतु जब मैं भली प्रकार कार्य नहीं कर सकता, मैं अच्छी तरह से सो नहीं सकता, मैं अपने मस्तिष्क को भलीभांति चला नहीं सकता, इसका अर्थ असामान्य स्थिति है । तो उस समय व्यक्ति को विशेषज्ञ , चिकित्सक द्वारा इलाज की आवश्यकता होती है । तो यहां विशेषज्ञ चिकित्सक, नाराद मुनी हैं । तथा वे अपने शिष्य को विशेषज्ञ बनने के लिए सलाह दे रहे है । इसे परम्परा प्रणाली कहा जाता है ।|Vanisource:690616 - Lecture SB 01.05.13 - New Vrindaban, USA|690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृन्दावन, अमरीका}} |
Revision as of 02:59, 11 August 2021
Nectar Drops from Srila Prabhupada |
हम जीवात्मा हैं । हम किसी भी भौतिक स्थिति के अंतर्गत नहीं हो सकते हैं । जैसे कि हमारी सामान्य स्थिति स्वस्थ जीवन है, बुखार की स्थिति नहीं । यह असामान्य जीवन है । यदि किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो वह उसका सामान्य जीवन नहीं है । यह अस्थायी है, असामान्य जीवन । वास्तविक जीवन स्वस्थ जीवन है । हमें ठीक से भोजन चाहिए । हमें भली प्रकार निद्रा लेनी चाहिए। इस प्रकार हम बहुत अच्छी तरह से काम करेंगे । हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से कार्य करना चाहिए । ये स्वस्थ संकेत हैं । परंतु जब मैं भली प्रकार कार्य नहीं कर सकता, मैं अच्छी तरह से सो नहीं सकता, मैं अपने मस्तिष्क को भलीभांति चला नहीं सकता, इसका अर्थ असामान्य स्थिति है । तो उस समय व्यक्ति को विशेषज्ञ , चिकित्सक द्वारा इलाज की आवश्यकता होती है । तो यहां विशेषज्ञ चिकित्सक, नाराद मुनी हैं । तथा वे अपने शिष्य को विशेषज्ञ बनने के लिए सलाह दे रहे है । इसे परम्परा प्रणाली कहा जाता है । |
690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृन्दावन, अमरीका |