HI/690616 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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Nectar Drops from Srila Prabhupada
हम जीवात्मा हैं। हम किसी भी भौतिक स्थिति के अंतर्गत नहीं हो सकते हैं। जैसे कि हमारी सामान्य स्थिति स्वस्थ जीवन है, बुखार की स्थिति नहीं। यह असामान्य जीवन है। यदि किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो वह उसका सामान्य जीवन नहीं है। यह अस्थायी है, असामान्य जीवन। वास्तविक जीवन स्वस्थ जीवन है। हमें ठीक से भोजन चाहिए। हमें भली प्रकार निद्रा लेनी चाहिए। इस प्रकार हम बहुत अच्छी तरह से काम करेंगे। हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से कार्य करना चाहिए। ये स्वस्थ संकेत हैं। परंतु जब मैं भली प्रकार कार्य नहीं कर सकता, मैं अच्छी तरह से सो नहीं सकता, मैं अपने मस्तिष्क को भलीभांति चला नहीं सकता, इसका अर्थ असामान्य स्थिति है। तो उस समय व्यक्ति को विशेषज्ञ, चिकित्सक द्वारा इलाज की आवश्यकता होती है। तो यहां विशेषज्ञ चिकित्सक, नारद मुनी हैं। तथा वे अपने शिष्य को विशेषज्ञ बनने के लिए सलाह दे रहे है। इसे परम्परा प्रणाली कहा जाता है।
690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृन्दावन, अमरीका