HI/700429 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जैसे हमारे सामान्य जीवन में, हर जगह हमें कोई न कोई प्रमुख व्यक्ति, एक नेता मिला है, ठीक वैसे ही जैसे आपने मुझे अपना नेता स्वीकार किया है। इसी तरह, नेता के नेता, नेता के नेता, चलते हैं, चलते हैं, चलते हैं खोजते हुए; जब आप कृष्ण पे आते हैं, तो वह सभी का नेता है। यही कृष्ण है। बस इतना ही। ईश्वरः परमः कृष्णः (ब्र.सं. ५.१)। सब ब्रह्मा हैं, ईश्वर, जो भी कहिये, ईश्वरः-पर कोई परमः नहीं है। परमः का अर्थ है 'सर्वोच्च'। मैं इस संस्था का नियंत्रक हो सकता हूं; राष्ट्रपति इस देश का नियंत्रक हो सकता है, लेकिन कोई भी यह दावा नहीं कर सकता है कि 'मैं सर्वोच्च नियंत्रक हूं'। यह संभव नहीं है। यह केवल कृष्ण के लिए है। यह पद केवल कृष्ण का है।"
700429 - प्रवचन ISO and Initiations - लॉस एंजेलेस