HI/700512b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्णा कहते हैं, यद् गत्वा न निवर्तन्ते तद धामा परमम् ममा (भ.गी. १५.६)। मॉम उपेत्या कौन्तेया दुखालयम अशाश्वतं, नाप्नुवन्ति महात्मनः (भ.गी. ८.१५): 'कोई भी, किसी न किसी तरह, कृष्ण भावनामृत विकसित करके, वह मेरे पास आता है, उसे वापस जाने और किसी भौतिक शरीर को स्वीकार करना नहीं है।' उसे कृष्ण जैसा शरीर प्राप्त होता है, सच-चिद-आनंद-विग्रह (ब्र.सं. ५.१)।"
700512 - प्रवचन ISO 08 - लॉस एंजेलेस