HI/700518b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 10:59, 14 September 2021 by Meghna (talk | contribs)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यदि आप अपनी आँखों को भगवत प्रेम से जोड़ लेंगे , आप सदैव भगवान का दर्शन कर पाएंगे। संतः सदैव हृदयेशु विलोकयन्ति । हां। यह भक्ति है । यह ही भगवान को समझने का तरीका है । सेवा एवं प्रेम वृद्धि । यह प्रेम केवल सेवा द्वारा ही बढ़ाया जा सकता है इसके अतिरिक्त कोई संभावना नहीं है ।सेवोनमुखे ही जिवादै(ब्र.सं. १.२.२३४ )। जितना आप सेवा की प्रवृत्ति को बढ़ाएंगे उतना ही आपका सुप्त भगवत प्रेम बढ़ेगा । जैसे ही आप भगवत प्रेम की पराकाष्ठा को प्राप्त करेंगे , आप भगवान को हर क्षण देख पाएंगे । २४ घंटे आप भगवान का दर्शन कर पाएंगे। धन्यवाद Vanisource:700518 - Lecture ISO 13-15 - Los Angeles
{{{5}}}