HI/700701 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो शुरुआत है, श्रीमद-भागवतम का अर्थ है कृष्णा। यह अन्यथा नहीं हो सकता है। यह कृष्ण कथा है। भगवद-गीता भी कृष्ण कथा है। कथा का अर्थ है वाक्य। इसलिए कृष्णा द्वारा बोले जाने वाले कृष्णा वाक्य, यह भगवद-गीता है। और जो वाक्य कृष्ण के बारे में बोले गए हैं, व है श्रीमद भागवतम। या कृष्ण के भक्तों के बारे में, जो भागवता हैं। इसलिए भागवता, दो प्रकार के भागवता हैं। एक, यह ग्रन्थ भागवता, और दूसरा, व्यक्ति भागवता, भक्त। वह भी भागवता है। चैतन्य महाप्रभु अनुशंसा करते हैं कि भागवता परा गिया भागवता स्थाने: 'आपको श्रीमद भागवतम भागवता, व्यक्ति भागवता से सुनना चाहिए'। अन्यथा आप ठीक से समझ नहीं पाएंगे। भागवता परा गिया भागवता स्थाने।"
700701 - प्रवचन श्री.भा. ०२.०१.०१ - लॉस एंजेलेस