यदि आप लोगों को कृष्ण भावनाभावित बना सकते है, तो सब कुछ अपने आप हो जाएगा । क्योंकि लोकतंत्र है । इसलिए यदि वे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी कृष्ण भावनाभावित व्यक्ति को वोट देते हैं, तो सब कुछ बच जाएगा । इसका मतलब है कि आपको कृष्ण भावनाभावित मतदाता बनाने होंगे । फिर सब कुछ सही होगा । यह आपके कृष्ण भावनामृत आंदोलन के उद्देश्य में से एक होना चाहिए । सरकार अभी भी जनता के नियंत्रण में है । यह एक तथ्य है । अगर जनता कृष्ण भावनाभावित हो जाती है, स्वाभाविक रूप से सरकार कृष्ण भावनाभावित हो जाएगी । लेकिन यह जनता के ऊपर निर्भर है । लेकिन वे नहीं बनना चाहते ।
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