HI/701115 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/701110 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|701110|HI/701211 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद इंदौर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|701211}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/701115SB-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|जो लोग बहुत कम रूप से भी कृष्ण की भक्तिमय सेवा की ओर आकर्षित होते हैं, उनके लिए, न ते यमं पाश भर्तश च तद् भटान स्वप्ने अपि पश्यन्ति हि चीर्ण निष्कृताः, 'वे यमराज या उनके दूतों को स्वप्न में भी नहीं देखते' । क्योंकि मृत्यु के समय जो बहुत पापी होते हैं, उन्हें यमराज के स्थान पर ले जाया जाता है । यह एक तथ्य है । इतना ही नहीं: वह स्वप्न में भी उन्हें नहीं देखता है, क्योंकि उस छोटी सी सेवा जो व्यक्ति कृष्ण के लिए करता है, वह उसे सभी पापों से मुक्त कर देती है।|Vanisource:701115 - Lecture SB 06.01.19 - Bombay|701115 - प्रवचन श्री.भा. ६.१.१९ - बॉम्बे}}
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Latest revision as of 15:59, 6 February 2023

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
जो लोग बहुत कम रूप से भी कृष्ण की भक्तिमय सेवा की ओर आकर्षित होते हैं, उनके लिए, न ते यमं पाश भर्तश च तद् भटान स्वप्ने अपि पश्यन्ति हि चीर्ण निष्कृताः, 'वे यमराज या उनके दूतों को स्वप्न में भी नहीं देखते'। क्योंकि मृत्यु के समय जो बहुत पापी होते हैं, उन्हें यमराज के स्थान पर ले जाया जाता है। यह एक तथ्य है। इतना ही नहीं: वह स्वप्न में भी उन्हें नहीं देखता है, क्योंकि उस छोटी सी सेवा जो व्यक्ति कृष्ण के लिए करता है, वह उसे सभी पापों से मुक्त कर देती है।
701115 - प्रवचन श्री.भा. ६.१.१९ - बॉम्बे