HI/710203b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद गोरखपुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"एक बहुत अमीर आदमी, वह एक जगह पर स्तिथ है, लेकिन उसके नेतृत्व में बड़े, बड़े कारखाने चल रहे हैं। कारखाने का प्रबंधक, कारखाने के मजदूर, वे सभी उसी मालिक के नेतृत्व में दिन-रात काम कर रहे हैं।" यदि यह छोटे पैमाने पर संभव है, तो इसी तरह पूरे सार्वभौमिक कार्य सर्वोच्च प्रभु के नेतृत्व में चल रहे हैं-न कि वे स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। कुछ भी स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकता है।"
710203 - प्रवचन SB 06.03.12 - गोरखपुर