HI/710329 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो हरे कृष्ण मंत्र जप के बल पर पाप कर्मों को जारी रखता है,वो सबसे बड़ा अपराध है। सुबल महाराज द्वारा समझाये गए ,दस प्रकार के अपराधों में से, यह सबसे महत्वपूर्ण विषय है। किसी को कोई भी पाप कर्म नहीं करना चाहिए चूंकि वह हरे कृष्ण मंत्र का जप कर रहा है।"
७१०३२९ - प्रवचन भ.ग. ०७.०३- बॉम्बे