HI/710401 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो कृष्ण हर जगह मौजूद है, क्योंकि सब कुछ उनपर आश्रित है, उनकी शक्ति पर। ठीक जैसे कि एक बड़े कारखाने में मालिक कारखाने से बाहर हो सकता है, लेकिन हर मज़दूर इस बात से वाकिफ है कि" यह कारखाना अमुक व्यक्ति का है।" जैसे की मजदूरों के द्वारा हमेशा कारखाने के मालिक की चेतना संभव है, उसी तरह, हर किसी के द्वारा हर कार्यकलाप में कृष्ण चेतना संभव है। यही वह दर्शन है जिसे हम पूरी दुनिया में प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं।"
७१०४०१ - प्रवचन भ.ग. ०७.०७ - बॉम्बे