HI/710629 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हरे कृष्ण मंत्र जप करने का यह पहला आशीर्वाद है, कि हमारा हृदय निर्मल हो जाता है। यदि आपका हृदय निर्मल नहीं हुआ, तो हम एक साथ कैसे भाग ले रहे हैं? कोई भारतीय है, कोई अमेरिकी है, कोई कैनेडियन है, कोई अफ्रीकी है। क्योंकि कृष्ण चेतना के मंच पर हृदय निर्मल हो जाता है। तब और कोई चेतना नहीं रह जाती कि "मैं यह हूँ," "मैं वह हूँ।" एकमात्र चेतना यही है कि "मैं कृष्ण का हूँ।" यह हृदय की निर्मलता है, जैसे ही हम इस मंच पर आते हैं, कि "मैं कृष्ण का हूँ।"
७१०६२९ - प्रवचन आगमन - लॉस एंजेलेस