HI/720604 बातचीत - श्रील प्रभुपाद मेक्सिको में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 23:12, 8 August 2020 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जानवरों से, मानव रूप आता है - या तो बंदर से या शेर से या गायों से। इन तीनों में से ... सत्व-गुण, रजो-गुण, तमो-गुण। जो रजो-गुण से आ रहे हैं, उनका मानव जन्म से पिछला जन्म शेर का है। और जो लोग तमो-गुण में आ रहे हैं, डार्विन के ससुर, (हंसते हुए) बंदर, और अज्ञानता। और जो लोग सत्व-गुण में आ रहे हैं, उनका पिछला जन्म गाय का है। यह वेदों से प्राप्त हमारी वैज्ञानिक जानकारी है। ”
७२०६०४ - वार्तालाप - मेक्सिको