HI/720604b बातचीत - श्रील प्रभुपाद मेक्सिको में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
आदमी: कृष्ण ने ब्रह्मांड क्यों बनाया? प्रभुपाद: क्योंकि वह सृष्टिकर्ता है। भगवान् वह सृष्टिकर्ता कहलाता है। वह बहुत सृष्टि कर रहा है, उसने तुम्हारी भी सृष्टि की है। तुम भी सृष्टि कर रहे हो। आप वैज्ञानिक, आप बहुत सारी चीजें सृष्टि कर रहे हो। आपको रचनात्मक ऊर्जा मिली है। विद्युत्कार बिजली के पंखे, विद्युत प्रकाश, तापक, विद्युत जैसी कई चीजों का निर्माण कर रहा है। विद्युत्कार, वह प्रकृति है। और ईश्वर सर्वोच्च है। उसके पास सृजन, सृजन, सृजन करने की शक्ति है। वह सृष्टि से अनेक रूप में आता है। कई, जब विविधता होती है, कई, इसका मतलब है सृष्टि। तो यह भी उसकी सृष्टियों में से एक है। जब सृष्टि की आवश्यकता थी, इसलिए उसने सृष्टि की है। आवश्यकता यह थी कि कुछ जीवित इकाई उपभोग करना चाहते थे। वे कृष्ण की सेवा नहीं करना चाहते थे। तो उनके लिए, इस भौतिक दुनिया में उपभोग करो।
720604 - सम्भाषण सी - मेक्सिको