HI/721003 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 23:27, 24 August 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"वे कह रहे हैं, 'नहीं ... कोई भगवान नहीं है। हम भगवान की परवाह नहीं करते। हम हैं, हम सब, भगवान'। लेकिन माया, पुलिस दल, चेहरे पर लात मार रहा है। और वे इतने सारे क्लेश के अधीन हैं, जीवन की दयनीय स्थिति, विशेष रूप से जन्म, मृत्यु, जरा और व्याधि। अब आप भगवान की परवाह नहीं करते। तो आप अपनी मृत्यु को क्यों नहीं रोक लेते? आप अपनी मृत्यु को रोक लो। कृष्ण भगवद-गीता में कहते हैं, मृत्यु: सर्वहर: च अहम् (भ.ग.१०.३४): 'दुष्टों और राक्षसों के लिए, मैं मृत्यु हूं। मैं सब कुछ छीन लेता हूं।' सर्वहर:"
७२१००३ - प्रवचन श्री.भा. ०१. ०३. २८ - लॉस एंजेलेस