HI/730415 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो ईर्ष्यालु है और ईर्ष्या करते हैं, वे इस भौतिक दुनिया के भीतर हैं। और जो ईर्ष्या नहीं कर रहे हैं, वे आध्यात्मिक दुनिया में हैं। सरल बात। आप खुद को परखें, 'क्या मैं ईर्ष्या कर रहा हूं, मेरे अन्य सहयोगियों, दोस्तों से ईर्ष्या करता हूं। सब कुछ?' फिर मैं भौतिक दुनिया में हूँ। और अगर मुझे ईर्ष्या नहीं है, तो मैं आध्यात्मिक दुनिया में हूँ। कोई भी परीक्षण कर सकता है। कोई सवाल नहीं है कि मैं आध्यात्मिक रूप से उन्नत हूं या नहीं। आप खुद का परीक्षण कर सकते हैं। भक्ति: परेशानुभवो विरक्तिर अन्यत्र स्यात (श्री.भा.११.२.४२)। जैसे अगर आप खा रहे हैं, तो आप समझ जाएंगे कि क्या आप संतुष्ट हैं, क्या आपकी भूख संतुष्ट है। आपको दूसरों से प्रमाणपत्र नहीं लेना है। इसी प्रकार, यदि आप स्वयं को परखते हैं कि क्या आप ईर्ष्या करते हैं, यदि आप ईर्ष्या करते हैं, तो आप भौतिक दुनिया में हैं। और अगर आप ईर्ष्या नहीं कर रहे हैं, अगर आप ईर्ष्यालु नहीं हैं, तो आध्यात्मिक दुनिया में हैं। फिर आप कृष्ण की बहुत अच्छी तरह से सेवा कर सकते हैं।"
730415 - प्रवचन श्री.भा. ०१.०८.२३ - लॉस एंजेलेस