HI/730516 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/730516SB-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"एक आदमी को तब अमीर माना जाता है जब उसे पर्याप्त मात्रा में अनाज, पर्याप्त मात्रा में, मेरे कहने का मतलब है, संख्या, पर्याप्त संख्या में गाय। महाराजा की तरह ..., नंद महाराज, जो कृष्ण के पालक पिता हैं।" ९००००० गाय पाल रहा था। और वह अमीर आदमी था। वह महाराजा, राजा था। लेकिन व्यवहार देखें। उसके प्यारे बेटे, कृष्ण और बलराम, उसे बछड़ों या गायों की देखभाल करने के लिए सौंपा गया: 'जंगल में जाओ', अच्छी तरह से आभूषण और अच्छी पोशाक, सब कुछ के साथ तैयार। सभी चरवाहे लड़के, वे बहुत अमीर हैं। उनके पास पर्याप्त अनाज और पर्याप्त दूध है। स्वाभाविक रूप से वे अमीर होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है कि गायों और बछड़ों की देखभाल कुछ किराए के नौकर रखेंगे, नहीं, वे खुद ख्याल रखेंगे।” |Vanisource:730516 - Lecture SB 01.09.02 - Los Angeles|730516 - प्रवचन श्री.भा.०१.०९.०२ - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 23:04, 16 July 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"एक आदमी को तब अमीर माना जाता है जब उसे पर्याप्त मात्रा में अनाज, पर्याप्त मात्रा में, मेरे कहने का मतलब है, संख्या, पर्याप्त संख्या में गाय। महाराजा की तरह ..., नंद महाराज, जो कृष्ण के पालक पिता हैं।" ९००००० गाय पाल रहा था। और वह अमीर आदमी था। वह महाराजा, राजा था। लेकिन व्यवहार देखें। उसके प्यारे बेटे, कृष्ण और बलराम, उसे बछड़ों या गायों की देखभाल करने के लिए सौंपा गया: 'जंगल में जाओ', अच्छी तरह से आभूषण और अच्छी पोशाक, सब कुछ के साथ तैयार। सभी चरवाहे लड़के, वे बहुत अमीर हैं। उनके पास पर्याप्त अनाज और पर्याप्त दूध है। स्वाभाविक रूप से वे अमीर होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है कि गायों और बछड़ों की देखभाल कुछ किराए के नौकर रखेंगे, नहीं, वे खुद ख्याल रखेंगे।”
730516 - प्रवचन श्री.भा. ०१.०९.०२ - लॉस एंजेलेस