HI/730912b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लंडन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो हमारे कृष्ण भावनामृत आंदोलन ने इस साहित्य का वितरण प्रारम्भ करा है, विशेषतः श्रीमद भागवतम। हम अब तक करीब बीस पुस्तकों का अनुवाद कर चुके हैं। ये आपके समक्ष प्रस्तुत हैं, और हमारा लक्ष्य मानव समाज के समक्ष साठ पुस्तकें प्रस्तुत करने का है। अब भी अनुवाद जारी है। तो प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं के प्रति हमारी विनती है कि,'इस साहित्य को भली प्रकार वितरित होने दीजिये। जनसाधारण (इस से) लाभान्वित होगा'। "
730912 - प्रवचन SB 01.05.11 - लंडन