HI/730913 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लंडन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७३]]
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/730913BG-LONDON_ND_01.mp3</mp3player>|इसलिए जब आप भक्ति मंच पर आते है तो बस कृष्ण को संतुष्ट करने के लिए l  वास्तविक मंच मे, सभी को अपने स्वयं की इच्छायो को संतुष्ट करना है  l  यही अंतर है l इसलिए यदि आप अपनी भौतिक गतिविधियों को छोड़ देते है, tyaktva sva- dharman caranambujah hare by, और भावुकता से या कैनवसिंग करके या यह देखकर की " ये लोग कृष्ण जागरूक लोग है l वे बहुत अच्छे है l"|Vanisource:730913 - Lecture BG 02.40 - London|730913 - प्रवचन BG 02.40 - लंडन}}
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Latest revision as of 06:35, 21 January 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
इसलिए जब आप भक्ति मंच पर आते है तो बस कृष्ण को संतुष्ट करने के लिए l वास्तविक मंच मे, सभी को अपने स्वयं की इच्छायो को संतुष्ट करना है l यही अंतर है l इसलिए यदि आप अपनी भौतिक गतिविधियों को छोड़ देते है, त्यक्तवा स्वा- धर्मण कारानांबुजह हरे बय, और भावुकता से या कैनवसिंग करके या यह देखकर की " ये लोग कृष्ण जागरूक लोग है l वे बहुत अच्छे है l"
730913 - प्रवचन भग 0२.४० - लंडन