HI/731101b बातचीत - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"दुख है। यहां तक कि आप चंद्रमा ग्रह पर भी जाऐं... यह भागवत है। आपके चंद्रमा ग्रह पर जाने से पहले, यहां जानकारी है, "आप कहीं भी जाएं, मूढ़, ये चीजें पीछा करेंगी, जन्म-मृत्यु-जरा-व्याधि (भ.गी. १३.९), और आपको असुविधाएं भुगतनी पड़ेंगी।" तो वे जो... वह जो बुद्धिमान है, फिर, "मुझे वास्तविक खुशी कहां मिलेगी?" वह कृष्ण है। इसलिए एक व्यक्ति को कृष्ण चेतनावत् बनने के लिए अत्यधिक बुद्धिमान होने की आवश्यकता है।"
731101 - बातचीत अ - दिल्ली