HI/740112 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/740112SB-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"आप अलेक्जेंडर द ग्रेट और एक चोर की कहानी जानते हैं । अलेक्जेंडर द ग्रेट ने एक चोर को गिरफ्तार किया, और वह उसे दंड देने जा रहा था । चोर ने निवेदन किया, 'सर, आप मुझे दंड देने जा रहे हैं, लेकिन आपके और मेरे बीच क्या अंतर है?" मैं एक छोटा चोर हूँ, तुम एक महान चोर हो । (हँसी) 'तुम दूसरे के राज्य पर अधिकार कर रहे हो, और तुम्हें कोई अधिकार नहीं है । लेकिन क्योंकि तुम मजबूत हो, या कोई रास्ता है या कोई दूसरा जो तुम्हें मिला है । अवसर है, और आप देश के बाद देश, देश के बाद जीत रहे हैं... इसलिए मैं भी यही काम कर रहा हूं । आपके और मेरे बीच क्या अंतर है? ' इसलिए अलेक्जेंडर ने माना कि 'हां, मैं एक बड़े चोर के अलावा कुछ नहीं हूं, बस इतना ही ।' तो उन्होंने उसे रिहा कर दिया: 'हां, मैं तुमसे बेहतर नहीं हूं ।'"|Vanisource:740112 - Lecture SB 01.16.17 - Los Angeles|740112 - प्रवचन SB 01.16.17 - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 23:00, 4 September 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
आप अलेक्जेंडर द ग्रेट और एक चोर की कहानी जानते हैं । अलेक्जेंडर द ग्रेट ने एक चोर को गिरफ्तार किया, और वह उसे दंड देने जा रहा था । चोर ने निवेदन किया, 'श्रीमान, आप मुझे दंड देने जा रहे हैं, लेकिन आपके और मेरे बीच क्या अंतर है ? मैं एक छोटा चोर हूँ, आप एक बड़े चोर हो । बस ।' (हँसी) 'आप जबरजस्ती दूसरे का राज्य हड़प लेते हो, और आपका कोई अधिकार नहीं है । लेकिन क्योंकि आप शक्तिशाली हो, और किसी न किसी तरीके से आपको अवसर मिल रहे है, और आप देश के बाद देश, हड़प रहे हैं... तो मैं भी यही काम कर रहा हूं । तो आपके और मेरे बीच क्या अंतर है ?' तो अलेक्जेंडर ने माना कि 'हां, मैं एक बड़े चोर के अलावा कुछ नहीं हूं, बस इतना ही ।' तो उन्होंने उसे रिहा कर दिया: 'हां, मैं तुमसे बेहतर नहीं हूं ।'
740112 - प्रवचन श्री.भा. १.१६.१७ - लॉस एंजेलेस