HI/750128 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद टोक्यो में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750128BG-TOKYO_ND_01.mp3</mp3player>|"अब, यह टोक्यो शहर, अगर यह केवल एक गांठ है, तो ट्रैफिक नियमों और विनियमन का व्यवस्थित क्रम कैसा है ... यह केवल आदेश की गांठ नहीं है ..., पदार्थ का, लेकिन कोई है, सरकार या राजा या राष्ट्रपति, जो व्यवस्था बनाए रख रहे हैं। यह निष्कर्ष है। यह सादृश्य है। फिर आप कैसे कहते हैं कि कोई नियंत्रक नहीं है? आपका तर्क कहाँ है? क्या कोई तर्क दे सकता है कि कोई नहीं है ..? । ये राक्षस, वे कहते हैं कि कोई भगवान नहीं है, कोई नियंत्रक नहीं है, लेकिन तर्क कहां है? कैसे कह सकते हैं? आपका क्या उपमा है? आपका तर्क क्या है, आप कहते हैं कि कोई भगवान नहीं है? आइए हम चर्चा करें। क्या कोई यहाँ कह सकता है? हम्म?"|Vanisource:750128 - Lecture BG 16.08 - Tokyo|७५०१२८ - प्रवचन भ.गी. १६.०८ - टोक्यो}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/750127b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद टोक्यो में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750127b|HI/750129 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद होनोलूलू में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750129}}
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Latest revision as of 05:01, 17 October 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"अब, यह टोक्यो शहर, अगर यह केवल एक गांठ है, तो ट्रैफिक नियमों और विनियमन का व्यवस्थित क्रम कैसा है ... यह केवल आदेश की गांठ नहीं है ..., पदार्थ का, लेकिन कोई है, सरकार या राजा या राष्ट्रपति, जो व्यवस्था बनाए रख रहे हैं। यह निष्कर्ष है। यह सादृश्य है। फिर आप कैसे कहते हैं कि कोई नियंत्रक नहीं है? आपका तर्क कहाँ है? क्या कोई तर्क दे सकता है कि कोई नहीं है ..? । ये राक्षस, वे कहते हैं कि कोई भगवान नहीं है, कोई नियंत्रक नहीं है, लेकिन तर्क कहां है? कैसे कह सकते हैं? आपका क्या उपमा है? आपका तर्क क्या है, आप कहते हैं कि कोई भगवान नहीं है? आइए हम चर्चा करें। क्या कोई यहाँ कह सकता है? हम्म?"
750128 - प्रवचन भ.गी. १६.०८ - टोक्यो