HI/750215 बातचीत - श्रील प्रभुपाद मेक्सिको में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"सबसे पहले, यह, पांच भौतिक तत्वों-पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, से बना यह स्थूल शरीर। इसे हम अपनी आंखों से देख सकते हैं, लेकिन हम मन, बुद्धि और अहंकार को नहीं देख सकते हैं, हालांकि सभी जानते हैं की मन है, बुद्धि है। तो जब यह शरीर नष्ट हो जाता है, सूक्ष्म शरीर-मन, बुद्धि, अहंकार-आत्मा को दूसरे स्थूल शरीर में ले जाता है। यह आत्मा के स्थानांतर की प्रक्रिया है"
750215 - वार्तालाप - मेक्सिको