HI/750404 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 09:54, 23 September 2020 by Kritika (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह ज्ञान के आदमी और बिना ज्ञान के बीच का अंतर है। ज्ञान का एक आदमी सोचेगा, "आखिरकार, मुझे मरना होगा। तो क्या कठिनाई है, कुछ दिन बाद या उससे पहले मर जाऐं?" वह ज्ञान है। और जो लोग ज्ञान में नहीं हैं, वे मृत्यु से डरते हैं। सबसे अच्छा व्यवसाय है, इससे पहले कि मौत आ जाए हम अपनी कृष्ण चेतना को पूरा कर दें। इसकी आवश्यकता है। मौत आ जाएगी। आप इसे टाल नहीं सकते।"
750404 - सुबह की सैर - मायापुर